2. आगमनात्मक उपागम विज्ञान विक्षण की एक ऐसी विवि विसमें उदाहरणों की
सहायता से वकसी सामान्य वनयम या सूत्र की स्थापना की िाती है। इसमें विक्षण के
दौरान विद्यावथियों को वनयम, वसद्धान्त या पररभाषा को पहले से नहीं बताया िाता है
बवकक छात्रों को प्रस्तुत तथ्यों, उदाहरणों, समस्याओं एिं संवियाओं के वनरीक्षण
तुलना एिं िगीकरण आवद के द्वारा सामान्य वनयम, वसद्धान्त या पररभाषा को
वनकालना पड़ता है।
3. आगमनात्मक उपागम के शिक्षण सूत्र
उदाहरण से वनयम की ओर
विविष्ट से सामान्य की ओर
स्थूल से सूक्ष्म की ओर
ज्ञात से अज्ञात की ओर
4. आगमनात्मक उपागम के शिक्षण सूत्र
प्रत्यक्ष से प्रमाण की ओर
मूति से अमूति की ओर
विक्षण अविगम की प्रविया में इस उपागम का उपयोग करने हेतु इन विक्षण सूत्रों का
अनुसरण करते हुए विक्षक विक्षण कायि है ।
5. आगमनात्मक उपागम के शिक्षण सोपान
1. उदाहरण (Examples): इस पद में प्रकरण से संबवन्ित एक ही प्रकार के कई उदाहरण, तथ्य
विद्यावथियों के समक्ष प्रस्तुत वकये िाते है ।
2. शनरीक्षण (Observation): विक्षक विद्यावथियों को उन उदाहरणों, तथ्यों आवद का वनरीक्षण
करने हेतु प्रोत्सावहत करते है।
3. शवश्लेषण (Analysis): विद्याथी सभी उदाहरणों का समुवित वनरीक्षण करने के उपरांत विक्षक
की सहायता से उनका विश्लेषण करते है।
6. आगमनात्मक उपागम के शिक्षण सोपान
4. वगीकरण (Classification): विश्लेषण के आिार पर विक्षक की सहायता से विद्याथी उदाहरणों का
समुवित िगीकरण करते है विससे की विद्याथी वकसी एक पररणाम अथिा समान्य वनयम पर पहुुँिते है।
5. शनयमीकरण (Theorisation/Generalisation):विद्याथी िगीकरण के आिार पर वकसी एक
वनवित पररणाम अथिा समान्य वनयम या वसद्धान्त वनकालने का प्रयास करते है।
7. आगमनात्मक उपागम के गुण
इसमें विद्याथी सविय रहते है।
इसके द्वारा प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है।
यह प्रेत्येक्ष अनुभि पर आिाररत है अतः यह स्मृवत केवन्ित नहीं होती है।
यह गत्यात्मक दृवष्टकोण को प्रवतपावदत करती है।
8. आगमनात्मक उपागम के गुण
यह विद्यावथियों में विंतन एिं अभ्यास हेतु अिसर प्रदान करता है।
यह सरल एिं स्िाभाविक है ।
विद्यावथियों में अिलोकन एिं आलोिनात्मक दृवष्टकोण विकवसत होता है।
9. आगमनात्मक उपागम के दोष
इसमें समय अविक लगता है ।
एक सदृश्य विवभन्न उदाहरण प्रस्तुत करने में समय ि प्रयत्न अविक लगता है।
विद्यावथियों द्वारा वनयम, वसद्धान्त या पररभाषा में त्रुवि की संभािना बनी रहती
है। क्योंवक प्रदत्तों का एकत्रीकरण, िगीकरण एिं विश्लेषण सभी विद्यावथियों के
वलए संभि नहीं होता है।